अब पतियों की खैर नहीं जाना पड़ सकता है जेल। सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बड़ा खेल।

अब पतियों की खैर नहीं जाना पड़ सकता है जेल। सुप्रीम कोर्ट ने कर दिया बड़ा खेल।
सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में IPC की धारा 498A (दहेज उत्पीड़न) के मामलों में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पुलिस को जरूरी लगे तो आरोपी की गिरफ्तारी की जा सकती है। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने 2017 में एक फैसला सुनाया था जिसमें कहा गया था कि दहेज उत्पीड़न के मामलों में तुरंत गिरफ्तारी नहीं होगी और पहले एक परिवार कल्याण समिति द्वारा जांच की जाएगी.

हालांकि, इस नए फैसले में कोर्ट ने पुराने फैसले को पलटते हुए कहा है कि पुलिस को अगर जरूरी लगे तो वह आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है और आरोपी के लिए अग्रिम जमानत का विकल्प खुला रहेगा.

सुप्रीम कोर्ट ने IPC की धारा 498A के तहत दहेज उत्पीड़न के मामलों में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:

1.गिरफ्तारी की अनुमति:- पुलिस को अब आरोपी की गिरफ्तारी करने की अनुमति है यदि उन्हें आवश्यक लगे। पहले, गिरफ्तारी से पहले एक परिवार कल्याण समिति द्वारा जांच की जाती थी.

2.अग्रिम जमानत:-आरोपी को अग्रिम जमानत का विकल्प खुला रहेगा। इसका मतलब है कि आरोपी गिरफ्तारी से पहले ही जमानत के लिए आवेदन कर सकता है।

3.महिला सुरक्षा:- कोर्ट ने यह भी कहा है कि महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए और दहेज उत्पीड़न के मामलों में सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए.

4.दुरुपयोग की रोकथाम:- कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस कानून का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए और झूठे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी.
यह फैसला महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, लेकिन साथ ही यह सुनिश्चित करने के लिए भी है कि कानून का दुरुपयोग न हो।

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