Cheque Bouncy Case मैं अक्सर पूछे जाने वाले सवाल।
Cheque Bounce Case में पूछे जाने वाले प्रश्न?
1- NI ACT 1881, Section 138 के अंतर्गत कौन शिकायत दर्ज कर सकता है?
N.I Act 1881, Section 138 मैं वह व्यक्ति शिकायत कर सकता है जिसको चेक प्राप्त हुआ है या हम यह कह सकते हैं कि जिसका नाम उस चेक पर लिखा हुआ होता है, उस को हम शिकायतकर्ता/कंप्लेंट कहते हैं वह व्यक्ति भी हो सकता है, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी या साझेदारी फर्म आदि भी हो सकती है।
2- क्या किसी प्राइवेट लिमिटेड/लिमिटेड कंपनी या साझेदारी फर्म के खिलाफ 138 चेक बाउंस का केस किया जा सकता है?
यदि चेक देने वाला कोई प्राइवेट लिमिटेड/लिमिटेड कंपनी या साझेदारी फर्म हो तो उसके खिलाफ भी Section 138 N.I Act के अंतर्गत चेक बाउंस का केस किया जा सकता है प्राइवेट लिमिटेड/ लिमिटेड कंपनी या साझेदारी फर्म के साथ साथ उस व्यक्ति पर भी केस चलेगा/आरोपी बनाया जाएगा जिसने उस चेक पर हस्ताक्षर किए हैं। BEST ADVOCATE FOR CHEQUE BOUNCE CASE
3- NI Act section 138 के तहत एक केस में कितने चेक शामिल हो सकते हैं?
चेक बाउंस केस के अंदर यह है कि यदि लेनदेन अगर एक ही है, और कई चेक है तो सभी चेकों का एक ही केस दर्ज किया जा सकता है, लेकिन लेनदेन अलग-अलग है तो उन मामलों में सिर्फ 3 ही चेक लगा सकते हैं अलग-अलग केसों में
4- Cheque Bounce Case को दर्ज कराने में देरी हो तो क्या करे?
चेक बाउंस केस को उसकी समय सीमा के अंदर ही कोर्ट में फाइल कर देना चाहिए, लेकिन कई बार हम cheque bounce case को समय सीमा के अंदर फाइल नहीं कर पाते और हमारी चेक बाउंस के केस को दर्ज कराने की एक समय सीमा होती है यदि वह समाप्त हो जाती है। तो हम चेक बाउंस का केस नहीं कर सकते हैं,
लेकिन, N.I Act 1881 में प्रावधान/Provision भी है कि आप अपना चेक बउंस केस समय सीमा समाप्त होने के बाद भी फाइल कर सकते हैं
अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए सम्पर्क करें
5- चेक बाउंस केस को खत्म होने में कितना समय लगता है?
- चेक बाउंस केस कितने समय तक चलता है?
चेक बाउंस केस की कोई समय सीमा नहीं है यह केस की स्थिति पर निर्भर करता है कई केस 1 या 2 ही तारीखों पर समाप्त हो जाते हैं और कई केसों में 2 या 3 साल भी लग जाते हैं यह सब केस की स्थितियों वह हालत पर निर्भर करता है और इसमें वकील की भी एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है इसलिए सही वकील से ही सलाह लेनी चाहिए ताकि आप किसी से गलत सलाह लेकर अपना नुकसान ना कर वाले।
6- अगर अपराधी (जिसने चेक दिया) को सजा हो जाती है तो अपराधी को क्या करना चाहिए?
अगर आप को चेक बाउंस केस में सजा हो जाती है तो अपराधी को सत्र न्यायलय मैं अपील करनी चाहिए, लेकिन उससे पहले उसे ट्रायल कोर्ट से जमानत लेनी होगी। 30 दिन के अंदर यह अपील करनी आवश्यक है इसमें एक बात और समझने की है कि यदि अपराधी को कोर्ट से चेक बाउंस केस में सजा हो जाती है तो वह सत्र न्यायालय में अपील कर करेगा और अगर यदि उसको कोर्ट बरी कर देती है तो इसमें जो कंप्लेंट है यानी कि जिसको चेक मिला था उसको उसे ऑर्डर के खिलाफ हाई कोर्ट जाना पड़ेगा।
अगर आप चेक बाउंस और अन्य किसी और केस के बारे में सलाह लेना चाहते है तो आप हम से सम्पर्क कर सकते है और अपने सवालों के जवाब पा सकते हैं।
Read More:-
Conclusion:
Agar koi jhuthe check bounce case mein fansa de to kya Karen?
Agar koi security check ka misuse kare to kya Karen?
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें