शादी के बाद अगर आपके भी है किसी महिला या व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध तो हो जाइए सावधान।
क्या शादी के बाद किसी पुरुष या महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाना या रखना कानूनी तौर अपराध है?
आजकल जितने भी तलाक के केस फाइल किए जा रहे हैं उनमें सामान्य तौर पर पति पत्नी एक दूसरे के ऊपर आरोप लगते हैं। कि उनका किसी और औरत या व्यक्ति के साथ शारीरिक संबंध है।
तो आज हम जानेंगे कि अगर पति या पत्नी कोई भी किसी से भी शारीरिक संबंध रखता है तो क्या यह हमारे देश में गैरकानूनी है क्या इसके लिए सजा हो सकती है या जेल जाना पड़ सकता है आज हम इसी के बारे में जानेंगे।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि 1 जुलाई 2024 से हमारे देश में नए कानून लागू हो जाएंगे। जिसमें इसको लेकर काफी सख्त कानून बनाए गए हैं। पहले जो हमारे कानून थे हम उसमें जानेंगे कि उसमें क्या कानून थे।
जैसा कि हमारी आईपीसी की धारा 497 में इस के बारे में बताया गया है कि यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति किसी औरत के साथ शारीरिक संबंध में पाया जाता है तो उसको भारतीय दंड संहिता की धारा 497 के तहत 5 साल की सजा या जुर्माना या दोनों ही हो सकते हैं।
लेकिन इसमें एक बात जाननी बहुत की जरूरी है है कि यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति किसी महिला के साथ संबंध बनाता है तो उसमें सिर्फ उसे व्यक्ति को ही सजा दी जाएगी उसे महिला को कोई भी सजा नहीं दी जाएगी यानी कि उसे महिला का कोई भी अपराध नहीं माना जाएगा सिर्फ इसमें उसे शादीशुदा व्यक्ति का ही अपराध माना जाएगा जो उसे औरत के साथ शारीरिक संबंध बना रहा है। कानून की इस कमी के कारण औरतों ने इसका काफी फायदा उठाया और लोगों को फंसा कर उनसे पैसा ऐंठने और ब्लैकमेल करने जैसे काम किए। और यही बात लोगों को खटकी कि अगर देश के कानून सभी को समान मानते हैं तो यह दोहरा मापदंड क्यों और इसी बात को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया ''जोसफ साइन वर्सेस यूनियन ऑफ इंडिया 27 सितंबर 2018''
और इस पर सुप्रीम कोर्ट ने इस धारा 497 को खत्म कर दिया और कहा कि यह ग़लत है और कहा कि धारा 497 समानता के अधिकार को खत्म करती है और इस धारा के कारण लोगों से लिंग के आधार पर भेदभाव किया जा रहा है जो कि हमारे भारतीय संविधान की आर्टिकल 14,15 और 21 का उल्लंघन है
तो आज से पहले हमारे कानून में यह प्रावधान था कि यदि कोई शादीशुदा व्यक्ति किसी और अन्य महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाता है तो इसमें सिर्फ उसे व्यक्ति को ही सजा दी जाएगी उसमें उसे महिला की कोई गलती नहीं मानी जाएगी या उसे कोई भी सजा नहीं दी जाएगी। लेकिन 2018 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस धारा को खत्म कर दिया गया है लेकिन जो हमारे नए कानून बने हैं उनमें यह धारा जोड़ी गई है कि यदि पति या पत्नी दोनों में से कोई भी किसी भी अन्य शादीशुदा औरत या व्यक्ति से शारीरिक संबंध बनाता है तो वह दोनों ही इस कानून के तहत दंडनीय सजा पाने के अधिकारी होंगे और इस कानून के तहत किसी में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा लिंग के आधार पर।और अभी हम यह जानेंगे की शादीशुदा कोई पति या पत्नी कोई भी शारीरिक संबंध किसी अन्य औरत या व्यक्ति के साथ बनता है तो उनके पास कौन-कौन से कानूनी अधिकार हैं।उन दोनों में से कोई भी एक दूसरे के खिलाफ हिंदू मैरिज एक्ट कि धारा 13 के अंतर्गत तलाक का केस फैमिली कोर्ट में फाइल कर सकते है और पत्नी चाहे तो अपने पति के खिलाफ 498(A) आईपीसी धारा के तहत F.I.R भी कर सकती है मानसिक प्रताड़ना जिसे हम मेंटली हरासमेंट भी कहते हैं का केस अपने पति के खिलाफ कर सकती है इसमें दो बातें जानने की है कि पति सिर्फ हिंदूमैरिज एक्ट की धारा 13 के तहत ही केस फाइल कर सकता है तलाक का और इसके अलावा उसके पास कोई कानूनी अधिकार नहीं है
उम्मीद है कि यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद होगी अगर आपको कुछ और जानना है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके और बाकी की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं
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