सुप्रीम कोर्ट ने दिया फिर से पति के खिलाफ order और पत्नी की कर दी मौज
पहले समझिए पूरा मामला क्या है
विवाद के बाद 2011 में मामला फैमिली कोर्ट पहुंचा। कोर्ट ने माना कि पति और उसकी मां ने वास्तव में अपीलकर्ता के सोने के आभूषणों का दुरुपयोग किया था। इसलिए पत्नी नुकसान की भरपाई की हकदार है।
केरल हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के order को खारिज कर दिया। कहा कि महिला, पति और उसकी मां द्वारा सोने के आभूषणों की हेराफेरी को साबित करने में सक्षम नहीं है। इसलिए वह उसके नुकसान की भरपाई के लिए हकदार नहीं है। इसके बाद महिला ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह एक आपराधिक मुकदमा नहीं था, जहां क्राइम सीन से गायब सामान का पता लगाया जाना था। इस पर भी कोई विवाद नहीं था कि महिला अपने मायके से पर्याप्त मात्रा में आभूषण लेकर आई थी, जो उसने शादी के दौरान पहने थे। इसका सबूत शादी की तस्वीरों में है।
महिला ने सोने के सिक्के के बदले पैसा मांगा, जिसकी कीमत 2009 में 8.90 लाख रुपए थी। इस समय बिना किसी और बात के केवल फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखना, उसके साथ अन्याय होगा। समय बीतने, जीवन यापन की लागत में बढ़ोतरी को ध्यान में रखते हुए, हम भारत के संविधान के अनुच्छेद 142 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए महिला को 25 लाख रुपए देने का निर्देश देते हैं।
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